चचेरी बहन ने बदला जीवन भाग 3

बबिता बाहर बैठी सब्जियां काट रही थी मुझे देखते ही चहक कर मुस्कुराते हुए बोली गुड मॉर्निंग भैया उठ गए मैंने उलझन में उसे देखते हुए कहा गुड मॉर्निंग और बाथरूम की तरफ जाने लगा तो बबिता तेजी से उठ कर मेरे पास आई और मेरा हाथ पकड़ कर मेरे कान में फुसफुसा कर बोली एक मिनट मेरे कमरे में आइये और मेरा हाथ पकड़े हुए मुझे लगभग खींचते हुए अपने कमरे में ले आयी और मेरी आँखों मे देखते हुए शरारत से बोली भैया वो फ़ोन के बारे में अम्मा या बाबूजी को मत बोलना प्लीज मैंने बड़ी मुश्किल से खरीदा है पैसे जोड़ जोड़ के अम्मा पहले मेरा एक फ़ोन तोड़ कर फेंक चुकी हैं….., अब मेरी जान में जान आयी कि मामला गंभीर नही है सब कुछ नार्मल ही है मैंने कहा एकदम निश्चिंत रहो मैं किसी से कुछ नही बताने वाला ना फ़ोन के बारे में ना ही उन वीडियोस के बारे में और हां थोड़े पैसे आते ही मैं एक अच्छा सा फ़ोन ले लूंगा जो कि तुम्हारा ही होगा पर बबिता तुम भी किसी से कुछ मत बताना कल रात जो मैंने तुम्हारी पैंटी के साथ किया ये सुन कर उसकी नजरें झुक गयी और वो धीरे से बोली मैंने वो धो कर सुखाने डाल दी है और आप न कहते तो भी मैं किसी को कुछ न बताती अब आप जाओ और जल्दी से तैयार हो जाओ वैसे ही आप देर से उठे हो आज फिर मैं फटाफट नहा धो कर नाश्ता कर के चाचा के साथ काम पर आ गया और आज फिर सारा दिन दिल लगा कर मैंने काम सीखा दोपहर में लंच टाइम में सुपरवाइजर सक्सेना मेरे पास आया और बोला संजय मेरे एक दोस्त की भी दो साइट में काम शुरू होने वाला है अगर कुछ और लड़कों का प्रबंध हो जाये तो कर लो पर लड़के अपने जैसे ही होशियार और मेहनती लाना फिर वो बोला नए लड़को को लाने वाले को हम 10% कमीशन देते हैं देख लो अगर दो तीन लड़के लगा दोगे तो महीने के 15000 तक ऐसे ही कमा लोगे मैंने कहा ठीक है सर गांव में 10-12 लड़के हैं जो काम की तलाश में हैं मैं एक दो दिन में बात कर के बुलवाता हूँ उन्हें सक्सेना ने कहा ठीक है 600 रुपये रोज के और खाने का इंतजाम मेरी तरफ से होता है वैसे तो 700 मिलते हैं लेबर को पर 100 मेरा कमीशन होता है बाकी तुम जितने में उन्हें सेट कर लो वो तुम देख लो अब हमारे गांव की तरफ तो लेबर को 300-350 ही मिलता है वो भी काम मिले ना मिले कोई ठिकाना नही यहां तो अच्छे खासे पैसे मिल रहे थे मैंने कहा ठीक है सर मैं कल ही लड़के बुलवा देता हूँ पर आप उन्हें 500 ही पेमेंट बताना लेकिन उनके रहने का इंतजाम करना होगा ये सुन कर सक्सेना बोला यार यही इसी साइट पर रह लेंगे अभी तो 3-4 महीने काम चल ही रहा है यहां इतने कमरे बने हैं जैसे बाकी लेबर रहते हैं वो भी रह लेंगे मैंने कहा ठीक है सर मेरी बात सुन कर सक्सेना बोला संजय तुम्हारे चाचा से अब ज्यादा काम होता नही वो तो मेरे पुराने जानने वाले हैं और मेरी सभी साइट्स पर उन्होंने ही काम किया है इस वजह से मैं उन्हें मना नही कर पाता पर अब मैं उनके काम से ज्यादा खुश नही हूँ पर कल तुम्हारा काम देख कर मुझे लगा कि उनकी कमी तुम पूरी कर सकते हो मेरी बात गौर से सुनो मैं जिस कंपनी में काम करता हूँ इसके दो चार प्रोजेक्ट हर टाइम चलते रहते हैं काम की कमी नही है और न ही पैसे की बस मेरी बातें मानते रहो समझते रहो और पैसा छापते रहो…. मैंने कहा श्योर सर मैं अपनी तरफ से आपको कभी शिकायत का मौका नही दूंगा और काम के लिए मैं हमेशा हाजिर हूँ पर मुझे यहां चाचा ही ले कर आये हैं सो आप उन्हें काम से मत हटाना उनके काम की कमी मैं पूरी कर दूंगा आप निश्चिंत रहिये उसने खुश हो कर मेरी पीठ थपथपाई और बोला मैं पहली नजर में जान गया था तुम कामके आदमी हो और अच्छे इंसान भी अपने चाचा के प्रति तुम्हारी सोच बहोत अच्छी है देखना एक दिन तुम बहोत तरक्की करोगे….. मैंने बस हाथ जोड़ कर कहा सर आपका आशीर्वाद बना रहे बस उसने कहा अपना फ़ोन नंबर दे दो मुझे मैंने ना जाने क्यों झूठ बोल दिया कि मेरे पास फोन नही है वो अज
ीब से नजरो से मुझे देखते हुए बोला आज एक जमाने मे बिना फ़ोन के कौन रहता है यार मैंने कहा सर मैं गांव से हूं गरीब परिवार से अभी कल से ही काम शुरू किया है पैसे आते ही फ़ोन लेना है सक्सेना ने कहा शाम को काम खत्म कर के मुझसे मिल कर जाना मैंने कहा ok सर और फिर वो चला गया और मैं चाचा के साथ काम पर जुट गया उस दिन हमने साढ़े छह तक काम किया और दो बाथरूम और एक किचेन की फिटिंग कम्पलीट कर दी और फिर हाथ मुह धो कर कपड़े बदल कर हम नीचे आ गए सक्सेना अपने केबिन के बाहर खड़ा लेबर को पैसे बांट रहा था मैं जा कर पास में खड़ा हो गया उसने मुझे देखा और अपने काम से फुर्सत हो कर कहा एक काम और कर पाओगे मैंने कहा जी सर बताइए वो बोले कल से दिन भर अपना काम करने कर बाद शाम को ठीक 6 बजे यही आ कर सारे लेबर को पैसे देने होंगे….. कल से एक और साइट का नया काम शुरू हो रहा है तो कुछ दिन मैं उधर व्यस्त रहूंगा और ये जिम्मेवारी का काम है हर किसी को नही कह सकता मैंने कहा लेकिन सर मैं तो नया हूँ अभी आप मुझे ठीक से जानते भी नही उसने कहा जानने के लिए 10 मिनट बहोत होते हैं बेटे और ना जानने के लिए पूरी जिंदगी भी कम फिर उसने एक सिगरेट सुलगाई और धुंवा उगलते हुए बोला संजय मैंने भी ऐसे ही एक साइट पर मजदूरी करने से अपना जीवन शुरू किया था पर मेहनत और ईमानदारी ने मुझे आज सब कुछ दिया है इस साइट की वैल्यू 750 करोड़ है और ऐसी 4 साइट मेरे अंडर हैं एक लाख मेरी सैलेरी है बंगला गाड़ी सब मुझे कंपनी ने दे रखा है ईमानदारी से बेईमानी कर के तीन चार लाख और कमा लेता हूँ और क्या चाहिए मैंने कहा ठीक है सर आप एक बार काम समझा दीजिये बस उन्होंने कहा अंदर आओ और केबिन में चले गए पीछे पीछे मैं भी आ गया ये एक एयरकंडीशनर कमरा था जिसमे एक टेबल और एक लेदर कुर्सी लगी हुई थी सामने एक सोफा पड़ा था ac की ठंडक मुझे बड़ी अच्छी लगी और दिन भर की थकान मिटने लगी पीछे की दीवार के साथ एक बड़ी अलमारी खड़ी थी उसे सक्सेना ने खोला और अंदर से एक और चाभी निकाल कर लाकर खोला अंदर दो हजार और 5 सौ के नोटो की गड्डियां भरी पड़ी थी सक्सेना ने कहा ये पैसा पड़ा है और ये रहा रजिस्टर इस पर हर एक लेबर का नाम दर्ज है और उसका कोड नंबर उसके साथ ही सामने इस कॉलम में उसे दी जाने वाली मजदूरी की रकम दर्ज की जाती है और इस आखिरी कॉलम में उनके दस्तखत या अंगूठे के निशान कल से तुम्हे इसी केबिन के बाहर उन सब को पेमेंट करनी है और उनके साइन ले कर बचा हुआ कैश और रजिस्टर वापस यही रख देना है और इस काम के लिए तुम्हे 8000 सैलेरी मिलेगी अलग से मैंने कहा जरूर सर ये तो आसान काम है और मुझे पैसों की जरूरत भी है इस टाइम फिर सक्सेना ने उस अलमारी में से ढूंढ कर एक मोबाइल फ़ोन निकाला ये एक एक रेडमी का 18000 रेंज का इस्तेमाल किया हुआ मोबाइल था उसने उसे ऑन किया तो वो ऑन हो गया और उसने वो मोबाइल मुझे पकड़ाते हुए कहा ये लो संजय बेटा स्मार्टफोन और कल से एकदम स्मार्ट बन जाओ ये मेरा ही फ़ोन है मैंने पिछले महीने नया ले लिया तो ये फालतू पड़ा हुआ है मैंने कहा सर कल से क्यों आज से ही और फिर सक्सेना ने अपने जेब से हजार रुपये निकाल कर मुझे दिए और बोला इसका चार्जर नही है मेरे पास ले लेना और सिम डाल कर रिचार्ज करवा लेना कल से इस साइट की काफी हद तक जिम्मेवारी तुम पर रहेगी कोई समस्या हो तो मेरे नंबर पर कांटेक्ट कर लेना मैं अब अगले हफ्ते ही यहां आऊंगा मैंने कहा ok सर फ़ोन के लिए thanks……
तभी चाचा ने केबिन में एंट्री की सक्सेना ने कहा आओ किशनपाल तुम्हारा भतीजा पहली परीक्षा में कामयाब हुए मैंने इससे तुम्हारी बहोत बुराई की पर इसने आखिर में यही कहा कि मैं तुम्हे काम से ना निकालूँ बल्कि ये तुम्हारे धीमे काम के बदले ओवरटाइम भी करने को तैयार है काश तुम्हारा बेटा अभय भी ऐसा ही होता चाचा ने मेरे पास आ के मेरी पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा साहब मैंने तो पहले ही कहा था आपसे ये लड़का सबसे अलग है सक्सेना ने चाचा को बताया कि उन्होंने मुझे पैसे बांटने का एक्स्ट्रा काम दे दिया है इस पर चाचा सोचने की मुद्रा में आ गए सक्सेना ने पूछा अब क्या हुआ किशनपाल चाचा बोले अभी तक तो ये मेरे साथ ही बाइक से आता जाता था पर अब मुझे भी इसके चक्कर मे रोज देर तक रुकना होगा….. सक्सेना ने कहा एक काम करो मेरे घर पर एक पुरानी बाइक पड़ी है वो मैंने अपने पुराने नौकर के लिए ली थी लेकिन फिर वो काम छोड़ कर चला गया और अब जो आया है वो बाइक नही चला पाता तो वो बाइक फालतू पड़ी हुई कबाड़ हो रही है मैं कल उसे गैरेज भेज के सही करवा देता हूँ कल शाम को इसे मेरे घर भेज देना वो बाइक इसे दे दूंगा इसके काम आएगी चाचा बोले ठीक है साहब अब हम जाएं सक्सेना ने अलमारी और केबिन की चाभियों का दूसरा सेट मुझे पकड़ाया और हाँ में सर हिला दिया और हम उसे नमस्ते कर के बाहर आ गये चाचा ने अपनी बाइक की चाभी मुझे दी और बोले आज तू ही चला देखूं यहां के ट्रेफिक में चला लेगा या नही मैंने बाइक स्टार्ट की और चाचा बैठ गए फिर हम घर की ओर चल पड़े घर पहुंच कर मैंने बाइक खड़ी की और फिर बाजार आ गया अपने फ़ोन का एक चार्जर लिया उस पर नया कवर और ग्लास लगवाया अब वो लगभग नया फोन ही लग रहा था फिर मैंने अपने पुराने फ़ोन से सिम निकाल कर नए फ़ोन में डाला और उसमे नेट पैक वाला रिचार्ज करवाया और फोन पर नेट कनेक्ट होते ही मुझे बड़ी अच्छी फीलिंग आयी कल मेरे पास कुछ नही था पर आज मेरे हाथ में बढ़िया फ़ोन था जेब में 500 रुपये थे और कल मैं एक बाइक का मालिक भी बनने वाला था इसके अलावा अगर सब ठीक रहा तो मैं महीने के 25-30 हजार रुपये भी कमाने वाला था और इस सब के अलावा बबिता उसका सांवला सलोना भरा हुआ कामुक बदन जो हर बार मेरे लंड की बेताबी को बढ़ा रहा था और कल रात से आज सुबह तक घटी घटनाएं मुझे ऐसा लग रहा था मैंने कानपुर आने में इतनी देर क्यों कर दी यहां तो सब कुछ मिल रहा है बड़े आराम से यही सब सोचता हुआ मैं घर आ गया और अंदर घुसते ही मेरे कानों में चाचा की आवाज़ पड़ी वो चाची से कह रहे थे कि कैसे उनकी लाख कोशिशों के बाद भी अभय कुछ न कर सका और कैसे मैंने एक ही दिन में सक्सेना के ऊपर जादू कर के उससे कितने फायदे ले लिए मैं अंदर आया तो चाचा बोले बेटा संजय किसी तरह अभय को भी अपने साथ लगा कर लाइन पर ले आओ तो मैं तेरा अहसान मानूंगा मैंने कहा चाचा ऐसे मत बोलो मैं सोचता हूँ कुछ फिर मैंने चाची से पूछा बबिता कहाँ है तो वो बोली अभी तो आयी नही बस आती ही होगी कोई काम है उससे मैंने कहा काम तो नही है पर उसे होटल ले के जाना है उससे वादा किया था पहली कमाई होते ही उसे होटल में खाना खिलाऊंगा चाचा ने कहा पर बेटा अभी तो मैंने तुम्हे पैसे दिए भी नही तुम्हारी दिहाड़ी के फिर वो जेब मे हाथ डाल कर पैसे निकाल कर हजार रुपये मेरे हाथ पर रखते हुए बोले ये लो तुम्हारी दो दिन की कमाई वैसे तो 600 मिलते हैं तुम्हे रोज के पर चूंकि तुम यहाँ रहोगे खाओगे तो तुम्हे 500 ही मिलेंगे मैंने कहा ठीक है चाचा और तभी बबिता घर मे दाखिल हुए मैंने उसे देखते ही कहा बबिता चल जल्दी से तैयार हो जा होटल चलना है खाना खाने उसने हैरानी से मुझे देखा और बोली दो दिन में ही इतने पैसे कमा लिए मैंने कहा उस से भी ज्यादा अब जल्दी कर तैयार हो जा वो अपने रूम में घुस गई और फिर दूसरे कपड़े ले कर बाथरूम में चली गयी 10 मिनट में वो नहा कर कपड़े बदल कर निकली उसने क्रीम कलर की लेगिं
ग और गुलाबी कुर्ती पहनी थी उसके निकलते ही मैं बाथरूम में घुस गया और नहा कर गमछा लपेट कर बाहर निकला मेरा बैग उसी के रूम में था तो मैं उसके रूम में चला गया वो अपने बाल संवार रही थी मैंने बैग से अपनी इकलौती अच्छी जीन्स और टीशर्ट निकाली और पहन कर बबिता के पास आ गया वो कमरे की दीवार में अलमारी के पास लगे हुए छोटे शीशे में खुद को निहारते हुए अपने सांवले से होठो पर लिपस्टिक लगा रही थी पहली बार मैं उसके इतने पास आया था मुझे भी कंघी करनी थी पर वो छोटा सा शीशा था और वो पूरी तरह से शीशे के सामने थी तो मैं उसके पीछे जा कर खड़ा हुआ मेरी लंबाई उससे काफी ज्यादा थी लगभग 10 इंच और मैं किसी तरह झांकते हुए शीशे में देख कंघी करने लगा तभी बबिता थोड़ा सा पीछे को हुई उसकी उभरी हुई गांड़ मेरे लंड पर आ चिपकी मुझे लगा उसने जान बूझ कर ऐसा किया है पर मुझे भी अच्छा लग रहा था इसलिए मैं कंघी करते हुए अपनी कमर को थोड़ा आगे को पुश करने लगा जिससे मेरा लंड अच्छी तरह से बबिता की फुले हुए मोटे चूतड़ों पर दबने लगा कंघी कर के भी मैं वैसे ही खड़ा रहा और शीशे में गौर से बबिता को देखने लगा एक तो उसका सांवला रंग उस पर फुले हुए चमकदार गाल गोल चेहरा बड़ी बड़ी आंखे कुल मिला कर बहोत सेक्सी लग रही थी मुझे मैंने कहा तैयार हो तो चलें उसने मुस्कुराते हुए गर्दन हिलाई और मेरे लंड से चिपकी हुई गांड़ को मटकाती हुई चल दी मैं भी उसके पीछे बाहर आ गया और चाचा से बाइक की चाभी मांगी उन्होंने कहा बबिता मेरे कुर्ते की जेब से चाभी निकाल ले और बबिता ने चाभी ला कर मुझे थमा दी फिर हम बाहर आये और मैंने बाइक स्टार्ट की और बबिता उछल कर मेरे पीछे बैठ गयी पर वो दोनो पैर एक साइड कर के लड़कियों जैसे बैठी थी मैंने बाइक आगे बढ़ा दी और अगले चौराहे आ कर उस से पूछा किधर चलना है मुझे कोई आईडिया नही है वो बोली सस्ते होटल में चलना है या महंगे मैंने कहा सबसे अच्छे होटल में चलो पहली बार तुम्हे ले के जा रहा हूँ सस्ते में क्यों चलें तो उसने पूछा पैसे तो हैं उतने मैंने कहा हां हजार रुपये हैं इससे ज्यादा का तू नही खा सकती एक बार मे तो वो मेरी पीठ पर मुक्का मारते हुए बोली भैया इतना भी नही खाती हू मैं फिर वो रास्ता बताती रही और मैं बाइक चलाता रहा लेकिन अगले ही चौराहे पर रेड सिग्नल था तो मैंने बाइक रोक दी और फिर वो बाइक से उतर गई मैंने पीछे मुड़ के देखा तो वो फिर से बाइक पर बैठ गयी पर इस बार वो क्रॉस लेग से बैठी थी लड़को की तरह और बोली मुझे डर लग रहा था कही आप गिरा ना दो मैंने कहा तो अच्छे से पकड़ ले मुझे कस कर तभी ग्रीन लाइट हुई और मैंने जानबूझ कर झटके से बाइक बढ़ा दी और झटका लगते ही बबिता ने दोनों हाथों से मेरी टीशर्ट पकड़ ली मैंने एक ही अच्छी टी शर्ट है मेरे पास वो भी फाड़ देगी क्या कपड़े ना पकड़ मुझे पकड़ और फिर उसने मेरी कमर में हाथ डाल कर अच्छे से मुझे पकड़ लिया और उसकी लगभग 40 साइज की भारी चुचियाँ मेरी पीठ में धंस गयी उसकी नरम चुचियो का स्पर्श बड़ा अच्छा लग रहा था मुझे फिर लगभग 20 मिनट की ड्राइव के बाद उसने एक रेस्टोरेंट के बाहर बाइक रुकवाई रास्ते मे मैंने उसे आज की अपनी कामयाबी के बारे में बताया नया फोन नई बाइक और 8000 कि अतिरिक्त सैलेरी के बारे में बताया ये सब सुन कर वो खुश होती रही….. फिर हम रेस्तरां में गए और कॉर्नर की एक टेबल पर बैठ गए वो मेरे सामने बैठी थी तभी वेटर आया और मेन्यू दे गया मैंने वो उसे पकड़ा दिया और बोला आर्डर मैडम देंगी….. उसने दो तीन बार ऊपर से नीचे तक मेन्यू पर नजर फिराई और फिर कढ़ाई पनीर दाल मखनी बैगन भरता और बटर नॉन आर्डर किया वेटर चला गया तो वो चहक कर बोली अपना फोन दिखाओ भैया मैंने जेब से फोन निकाल कर उसे दे दिया उसने उसे ऑन कर के एप्प्स देखने शुरू कर दिए और मैं गौर से उसके सांवले मुखड़े को निहारे जा रहा था……
तभी अचानक टेबल के नीचे से उसका पैर मेरे पैर को टच हुआ और मैंने एक पैर की चप्पल निकाल कर पैर के अंगूठे से उसके पैर को कुरेदना शुरू कर दिया ये करते हुए मैं अपनी गर्दन घुमा घुमा कर रेस्तरां में इधर उधर देख रहा था उसने एक बार मेरी ओर देखा पर जल्दी ही वो वापस फ़ोन में बिजी हो गयी मैं लगतार अपने अंगूठे को उसके पैर पर फिरा रहा था पहले पंजे पर और अब थोड़ा सा ऊपर उसकी लेगिंग के ऊपर से ऊपर पिंडली के पास पर वो बेखबर सी फ़ोन में लगी हुई थी तभी वो बोली भैया मैने वो फोल्डिंग सही करा दिया था दिन में आज से हम दोनों जमीन पर नही सोएंगे और मैंने नाईट बल्ब भी खरीद लिया पर उसे लगा आप देना बहुत ऊपर है मैंने कहा ठीक है मैं घर जा कर लगा दूंगा तभी वो बोली अरे वाह इस पर तो नेट भी चल रहा है मैंने कहा हां अब तुम रात में आराम से वीडियो देख सकती हो उसने एक बार मेरी ओर देखा फिर शर्मा कर नजर झुका ली पर उसकी आँखों मे थोड़ा गुलाबी रंग आ रहा था धीरे धीरे शायद मेरे पैर की हरकत से वो गरम हो रही थी तभी वेटर हमारा आर्डर ले आया और हम खाना खाने लगे वाकई में बड़ा लाजवाब खाना था 3-3 बटर नॉन खाने के बाद मैंने एक प्लेट राइस मंगवा लिया चावल खाने के बाद मैंने रसमलाई और icecream भी आर्डर कर दी बबिता बोली बस करो भैया फिर कभी देखेंगे मैंने कहा आज मौका मिला है तो खा पी लो फिर की फिर देखेंगे रसमलाई और टेस्टी icecream खा कर हमारा पेट और मन भर गया था मैंने वेटर से बिल लाने को कहा 680 कि बिल था 700 रुपये वेटर को दे कर हम उठ लिए बाहर आये मेरा एक सिगरेट पीने का मन हुआ वैसे तो मैं किसी तरह के नशे का लती नही हूँ पर कभी कभी सब कुछ कर लेता हूँ मैंने कहा बाबिता मैं एक सिगरेट पी सकता हूँ उसने कहा भैया आप सिगरेट भी पीते हो मैंने कहा नही ऐसी कोई आदत नही है बस कभी कभार जब अच्छे मूड में होता हूँ तो उसने कहा ठीक है ले लो पर यहां मत पीने लगना ये शहर है ऐसे पब्लिक प्लेस में स्मोकिंग नही कर सकते यहां मैंने कहा ठीक है और फिर एक goldflak और माचिस ले कर जेब मे डाल ली और बाइक स्टार्ट कर दी बबिता मेरे पीछे मेरी कमर में हाथ डाल कर अपनी रसीली चुचियाँ मेरी पीठ पर दबा कर बैठ गयी और मेरा लंड धीरे धीरे गरम होने लगा….., अभी 10 से ऊपर का वक़्त था सड़को पर ट्रेफिक कम था एक खाली सड़क से गुज़रते हुए मैंने कहा बबिता एक बात कहूँ वो बोली हाँ भैया बोलिये ना मैंने कहा तुम मेरे बारे में क्या सोचती हो वो बोली मैं समझी नही भैया आप मेरे भैया हैं और मुझे बहोत पसन्द हैं अभय से भी ज्यादा मैंने कहा बस इतना ही या कुछ और वो बोली मैं समझ नही पा रही आपकी बात को मैंने कहा देखो बाबिता कल से आज तक काफी कुछ ऐसा हुआ है जो कि एक भाई बहन के बीच नही होना चाहिए पर फिर भी हुआ इसके बाद मैं थोड़ा अजीब सा महसूस कर रहा हूँ चूंकि हमारा रिश्ता भाई बहन का है इसलिए मैं ये निर्णय नही कर पा रहा हूँ कि ये सब होने दूँ या इसे यही रोक दूँ….. बबिता ने कोई जवाब नही दिया मैंने कहा बबिता प्लीज जवाब दो इस पर बबिता ने कहा एक बात बताइए जब मैं आपको भैया कहती हूँ तब आपको कैसा लगता है मैंने कहा सच कहूं तो मुझे अच्छा नही लगता वो बोली क्यों मैंने कहा पता नही पर मुझे ऐसा लगता है कि तुम मुझे भैया की बजाय संजय कहो तो ज्यादा ठीक रहेगा ये सुन कर बबिता की बाहें मेरे पेट थोड़ी सी कस गयीं और उसकी चुचियाँ और अच्छे से मुझे अपनी पीठ पर महसूस होने लगी तभी मुझे उस पार्क का गेट दिखा जिसमे कल हम टहलने आये थे मैंने बाइक पार्क गेट ले बगल में खड़ी की बबिता बाइक से उतर गई और फिर हम पार्क के अंदर को चल पड़े……..
continued…

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